मास्टर के आदेशों के अनुसार हमारी विनम्रता बंधी थी और आंखों पर पट्टी बंधी थी, उसकी कलाइयां फैली हुई थीं। एक साधारण रबर बैंड प्रताड़ना का औजार बन गया, हर एक सज़ा को झिड़कता है। बैंड उसकी खाल में कटने से उसकी कराहें गूंजती हैं, दर्द और आनंद का क्रूर, कामुक खेल।