दो उग्र समलैंगिक महिलाएं अपने कच्चे जुनून के साथ रसोई में आग लगाती हैं। उनकी उंगलियां एक-दूसरे के गीले होठों पर नृत्य करती हैं, जिससे एक ज्वलंत चरमोत्कर्ष होता है। यह चिलचिलाती मुठभेड़ इंद्रियों के लिए एक दावत है, जो उनकी अतृप्त इच्छा का एक वसीयतनामा है।