जब मैं घर पहुंचा, तो भाभी पहले से ही मेरा इंतजार कर रही थीं.मैंने अपनी टांगें उठाईं और उन्हें अपने पैरों की सनसनी का मजा लेते हुए अपनी जांघों पर सवार होने दिया.उनकी खुशी की चीखों ने मुझे और ज्यादा तरसा दिया, और मैंने अपने जेठजी से कहा कि वो हमसे जुड़ जाएं, उनसे धीरे धीरे चुदाई करने का आग्रह करें.